किसानों के पसीने का मिल रहा है उचित मूल्य, जशपुर जिले के 46 केंद्रों में सुचारू रूप से जारी धान खरीदी



तमता केंद्र में धान बेचकर लौटे किसान अनिल कुमार भगत बोले—“किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं”

रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेशभर में धान खरीदी का महाअभियान इस वर्ष सुव्यवस्थित, पारदर्शी और किसान हितैषी व्यवस्था का उदाहरण बन रहा है। किसानों के पसीने की कमाई का प्रदेश सरकार उचित मूल्य दे रहीं  हैं । जशपुर जिले के सभी 46 धान खरीदी केंद्रों में खरीदी सुचारू रूप से चल रही है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि पंजीकृत प्रत्येक किसान के धान की प्राथमिकता से खरीदी की जाए तथा किसी को भी अनावश्यक प्रतीक्षा न करनी पड़े।


       इसी कड़ी में पत्थलगांव विकासखंड के तमता धान खरीदी केंद्र में किसान अनिल कुमार भगत आज धान विक्रय के लिए पहुँचे। उन्होंने केंद्र की व्यवस्थाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस बार खरीदी केंद्र में पहले से कहीं बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें धान बेचने में किसी प्रकार की समस्या नहीं आई और पूरी प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हुई।


      अनिल कुमार भगत ने बताया कि उनके पिता श्री सेतराम भगत के नाम से सोसायटी में धान बेचने के लिए पंजीयन हुआ है। वे कई वर्षों से इसी केंद्र में धान बेचते आ रहे हैं और इस वर्ष भी सभी व्यवस्थाएँ पूरी तरह व्यवस्थित हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र में किसानों के लिए टोकन व्यवस्था, तौल मशीन, बारदाना उपलब्धता, सुरक्षा से लेकर पेयजल सुविधा तक सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं।उन्होंने यह भी कहा कि खरीदी केंद्र में कर्मचारियों और अधिकारियों का व्यवहार भी किसान-हितैषी है।


      किसानों को किसी भी प्रक्रिया के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता। पूरी प्रणाली पारदर्शी और तेज है, जिससे किसानों में संतोष और भरोसा बढ़ा है। जिला प्रशासन लगातार सभी खरीदी केंद्रों की मॉनिटरिंग कर रहा है। केंद्रों में ऑनलाइन टोकन, गुणवत्ता जाँच, त्वरित तौल, धान भराई, बारदाना वितरण और भुगतान की प्रक्रिया तय समय सीमा में सुनिश्चित की जा रही है।


       प्रशासन का लक्ष्य है कि इस वर्ष की धान खरीदी पूरी तरह से परेशानी-मुक्त और किसान- केन्द्रित रहे। किसानों के लिए अनुकूल सुविधाएँ और सुगम प्रक्रियाएँ सुनिश्चित करने का सीधा परिणाम यह है कि जिलेभर से किसान इस व्यवस्था की सराहना कर रहे हैं। सरकार की दूरदर्शी नीतियों और प्रशासनिक तत्परता के कारण धान खरीदी व्यवस्था इस वर्ष एक आदर्श मॉडल के रूप में सामने आ रही है।

Post a Comment

Previous Post Next Post