रायपुर। बासमती और इंद्रायणी चावल: चावल एक प्रमुख फसल के रूप में जाना जाता है। चावल की कटाई के बाद भी इसकी खास मांग रहती है। आज, चावल, यानी पका हुआ चावल, हर किसी के खाने में देखा जाता है। चावल कई तरह के होते हैं। बासमती और इंद्रायणी चावल खास तौर पर पॉपुलर हैं। तो, इन दोनों चावलों में क्या अंतर है और ये कहाँ उगाए जाते हैं, इन दोनों चावलों में से कौन सा ज़्यादा महंगा है, आइए इस आर्टिकल में देखते हैं...
बासमती चावल के बारे में....
- ओरिजिन: बासमती चावल का ओरिजिन उत्तर भारत और पाकिस्तान में हिमालय घाटी की उपजाऊ ज़मीन है।
- भारत दुनिया का सबसे बड़ा बासमती चावल का प्रोड्यूसर और एक्सपोर्टर है।
- यह हिमालय की तलहटी में, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे इलाकों में उगाया जाता है।
- खासियतें: लंबे दाने, पकने पर खुल जाते हैं, बहुत अच्छी खुशबू।
- इस्तेमाल: बिरयानी, पुलाव, फ्राइड राइस, खीर जैसी डिशेज़ के लिए आइडियल।
इंद्रायणी चावल के बारे में:
- ओरिजिन: यह 'अंबेमोहर वैरायटी के हाइब्रिड से बनता है। इसका नाम इंद्रायणी नदी के नाम पर रखा गया है।
- मुख्य रूप से महाराष्ट्र में उगाया जाता है। पुणे और नासिक इलाकों में खास तौर पर पॉपुलर है।
- खासियतें: मीडियम दाने, पकने पर थोड़े चिपचिपे, अच्छी खुशबू और स्वाद।
- इस्तेमाल: खिचड़ी, डोसा, इडली, चीला और चिकन/फिश करी के साथ खाने के लिए बढिय़ा।
- फायदे: कम जीआई (ग्लाइसेमिक इंडेक्स), पचाने में आसान और कम पानी में पकता है।
दोनों में अंतर:
- अनाज: बासमती लंबा, इंद्रायणी मीडियम।
- टेक्सचर: बासमती ढीला, इंद्रायणी थोड़ा चिपचिपा/मुलायम।
- इस्तेमाल: खास डिश के लिए बासमती, रोज़ाना के खाने और नाश्ते के लिए भी इंद्रायणी।
दोनों के दाम क्या हैं?
- बासमती (प्रति क्विंटल): कम से कम 7,300, औसत 9,750
- प्रति : 70 प्रति किलो
- इंद्रायणी चावल (प्रति ): 65 प्रति किलो
- औसत 6,000 से 7,000 प्रति क्विंटल
